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क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
ग्रो योर वेल्थ के फाउंडर अभिजीत शाह बताते हैं, “निवेशक का फोकस फंड हाउस कितना रिटर्न देता है, उसके ऊपर होना चाहिए.

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Silver ETF : ICICI Prudential फंड सिल्वर ईटीएफ एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

ICICI Prudential Mutual Fund Silver ETF NFO : आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बुधवार यानी 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया। इसके अलावा, मार्केट रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा कुछ नियमों के अधीन कई म्यूचुअल फंड अपने सिल्वर ईटीएफ लाने के लिए तैयार हैं।

जानिए क्या है स्कीम?

सिल्वर ईटीएफ अपनी सिल्वर होल्डिंग्स के इनवेस्टमेंट रिटर्न को क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ट्रैक करेगा। सेबी नियमों के तहत सिल्वर ईटीएफ को 99.9 फीसदी शुद्धता वाली चांदी रखनी होती है। म्यूचुअल फंड्स को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) के स्टैंडर्ड्स के तहत चांदी का मूल्यांकन करना होता है।

ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 50-60 बेसिस प्वाइंट्स होगा। यह एक ईटीएफ है, इसलिए इसमें डीमैट अकाउंट रखने वाले इनवेस्टर ही निवेश करेंगे। इनवेस्टर्स को ब्रोकरेज फीस या एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन की दूसरी कॉस्ट चुकानी होगी। आईसीआईसीआई एमएफ 13 जनवरी, 2022 को सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड लॉन्च करेगी, जिससे इसमें वे लोग भी निवेश कर सकेंगे जिन के पास डीमैट अकाउंट नहीं है।

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यह कैसे करता है काम

कीमती मेटल होने के अलावा, चांदी इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होती है। इसलिए, इकोनॉमिक रिकवरी और ग्रोथ को देखते हुए यह अच्छा दांव हो सकती है।

चांदी कई इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट – इलेक्ट्रिकल सर्किट्स, क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बैटरीज, एलईडी चिप्स और आरएफआईडी चिप्स में इस्तेमाल होती है। इसका फोटोवोल्टिक सेल्स (सोलर एनर्जी के लिए), मेडिसिन, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, गैजेट, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आदि में भी इस्तेमाल है।

आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड के हेड-प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटजी चिंतन हरिया ने कहा, “चांदी का इंडस्ट्री में इस्तेमाल तेजी से क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बढ़ा है। इस ट्रेंड के कारण चांदी की खपत होती है और यह रिसाइकिल नहीं होती है। इसलिए, यदि मांग बढ़ती है तो चांदी की कीमतें ऊपर जा सकती हैं।”

ETF in Hindi ईटीएफ क्या है

ETF in Hindi ईटीएफ क्या है, Exchange Traded Fund एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड क्या होते हैं और इनमें कैसे निवेश किया जाता है. ETF कैसे म्यूच्यूअल फंड्स से अलग होते हैं, ETF की संरचना कैसे होती है और इसके फायदे क्या होते हैं.साथ ही जानिये कि ETF में निवेश करने से आप अपने निवेश के रिस्क को कैसे कम कर सकते हैं.

ETF in Hindi

ETF in Hindi

ETF in Hindi – लोकप्रिय निवेश का साधन

ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड वास्तव में इंडेक्स फण्ड होते हैं जो कि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह ही ख़रीदे और बेचे जाते हैं. विश्व भर में ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड रिटेल निवेशकों और संस्थागत निवेशकों में बहुत ही लोकप्रिय निवेश का साधन है. हम यह कह सकते हैं कि यह एक सस्ता निवेश का साधन है क्योंकि इस फण्ड में चार्जेज आम तौर पर दुसरे फंड्स के मुकाबले कम होते हैं. आप इन्हें अपने ब्रोकर से अथवा सीधे फण्ड हाउस से भी खरीद सकते हैं. जहां म्यूच्यूअल फण्ड दिन के आखिर में NAV पर लिए जाते हैं, ETF ट्रेडिंग के घंटों में ही उस समय के ट्रेडिंग के वास्तविक कीमतों पर ख़रीदे और बेचे जा सकते हैं. यानि ETF में डे ट्रेडिंग भी संभव है.

ETF की संरचना अपने इंडेक्स पर ही आधारित होती है. उदाहरन के लिए निफ्टी या सेंसेक्स इंडेक्स.

सेंसेक्स ETF में Sensex में शामिल 30 शेयरों में उनके मार्किट कैपिटल के अनुसार वैसे ही निवेश किया जाता जैसे उनका सेंसेक्स में महत्त्व है. इसी प्रकार निफ्टी ETF में भी Nifty शेयरों में निवेश किया जाता है. इसी प्रकार उद्योग आधारित इंडेक्स जैसे फार्मा इंडेक्स, बैंकिंग इंडेक्स या मिड कैप, स्माल कैप इंडेक्स अथवा कमोडिटी आधारित ETF जैसे गोल्ड ETF हो सकते हैं.

ETF in Hindi – फायदे

खरीदने बेचने में आसान. क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज इंडेक्स (सेंसेक्स या निफ्टी आदि) में शामिल शेयर अलग अलग उधोगों से शामिल किये जाते हैं, इंडेक्स ETF में विविधिता आ जाती है जिससे निवेश के रिस्क में कमी हो जाती है. ETF सुविधाजनक हैं, आप सेंसेक्स के तीस और निफ्टी के पचास शेयरों में एक साथ निवेश कर सकते हैं. उसी प्रकार आप वास्तविक गोल्ड या सोना ना खरीद कर गोल्ड ETF खरीद सकते हैं जो की अधिक सुविधाजनक है. ETF में कम राशि से निवेश की जा सकती है. आप ETF में SIP क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी ले सकते हैं.

जिन लोगों को शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं है या शेयर बाजार में अधिक रिस्क लेने से बचना चाहते हैं उनके लिए म्यूचुअल फंड और ETF क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करना आसन भी है कम रिस्क वाला भी. ETF आपके निवेश को Diversity यानि विविधता प्रदान करता है.

यहाँ हमने ईटीएफ क्या है ETF in Hindi सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है फिर भी यदि आपका इससे सम्बंधित कोई प्रश्न है तो टिप्पणी में पूछ सकते हैं, मैं जवाब देने की कोशिश करूंगा.

Bharat Bond ETF: भारत बॉन्ड ETF का चौथा चरण आज होगा लॉन्च, 8 दिसंबर तक मिलेगा निवेश का मौका, जानिए सबकुछ

Zee Business हिंदी लोगो

Zee Business हिंदी 1 दिन पहले संजीत कुमार

Bharat Bond ETF: सरकार भारत बॉन्ड ETF की चौथी किस्त आज लॉन्च करेगी. ETF का नया फंड ऑफर 7 दिनों तक खुला रहेगा और 8 दिसंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हो जाएगा. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए केवल सरकारी कंपनियों के AAA-रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश किया जाता है. भारत बॉन्ड ईटीएफ एडलवाइस म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) द्वारा मैनेज किया जाता है. इसके जरिये जुटाई गई पूंजी का उपयोग सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (Public Sector Enterprises) द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए किया जाएगा.

Bharat Bond ETF की तीसरी किस्त को मिला था बेहतर रिस्पॉन्स

सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 1,000 करोड़ रुपए का तीसरा चरण पेश किया था. इस दौरान इसे 6,200 करोड़ रुपए की बोलियों के साथ 6.2 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड था. Bharat Bond ETF की दूसरी किस्त को जुलाई, 2020 में पेश किया गया था और इसे तीन गुना से अधिक का सब्सक्रिप्शन मिला था. इसके जरिए 11,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. दिसंबर, 2019 में इसके पहले चरण में 12,400 करोड़ रुपये की क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड राशि जुटाई गई थी.

भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के ‘एएए’ रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करता है. ईटीएफ ने अबतक अपनी तीन पेशकशों में 29,600 करोड़ रुपए जुटाए हैं. ईटीएफ के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2019 से शुरू होने के बाद से अब तक 50,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई हैं. वर्तमान में ईटीएफ के लिए पांच मैच्योरिटी टाइम-2023, 2025, 2030, 2031 और 2032 है.

इपीएफओ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश पर फैसला आज

नयी दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) का न्यासी बोर्ड शेयर में निवेश पर रिटर्न अधिकतम करने के लिए इक्विटी से जुड़ी योजनाओं या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (इटीएफ) में निवेश का दायरा व्यापक बनाने पर मंगलवार को विचार करेगा. बैठक के लिए लिस्टेड एजेंडे के मुताबिक इपीएफओ निदेशक मंडल अपने कोष के प्रबंधन के लिए पांच कोष प्रबंधकों एसबीआइ, रिलायंस कैपिटल, आइसीआइसीआइ सिक्योरिटी प्राइमरी डीलरशिप, एचएसबीसी एएमसी और यूटीआइ एएमसी को छह माह का विस्तार देने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगा.

पांचों कोष प्रबंधकों को एक अप्रैल 2015 से तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था. उन्हें 30 जून 2018 तक सेवा विस्तार दिया गया. अब प्रस्ताव है कि पांचों कोष प्रबंधकों को 31 दिसंबर 2018 तक या नये कोष प्रबंधकों की नियुक्ति तक सेवा विस्तार दिया जाये.

एक्सपेंस रेशियो कम होता है

म्यूच्युअल फंड के मुकाबले एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड का एक्स्पेंस रेशियो कम होता है और ट्रैकिंग ऐरर भी कम होती है.

इसलिए एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड में नेट रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इंडेक्स फंड का एक्स्पेंस रेशियो 0.75% से 1.5% तक का है, वहीं एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड का ये रेशियो 0.1% से 0.5% के बीच होता है.

लेकिन ETFs में ब्रोकरेज के अलावा स्प्रेड भी चुकाना पड़ता है, जिसके कारण कम एक्स्पेंस रेशियो होने के बावजूद आपके रिटर्न पर प्रभाव पड़ता है.

ब्रोकरेज चार्ज को देख कर निर्णय नहीं लें

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करते वक्त, रिटेल निवेशकों को ब्रोकरेज चार्ज को देख कर निर्णय नहीं लेना चाहिए.

ब्रोकर कितना बाय-सेल ब्रोकरेज लेता है और उसमें कितना स्प्रेड जोड़ता है, वो भी देखना जरूरी है. निवेशक आम तौर पर इंडेक्स फंड के मुकाबले ETFs में ज्यादा चार्ज चुकाते है.

लिक्विडिटी की समस्या परेशान कर सकती है

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड का नेगेटिव पॉइंट लिक्विडिटी है. आप जब एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड बेचने जाए, तब एक्सचेंज पर बायर होना आवश्यक है.

ऐसा नहीं हो क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड तो लिक्विडिटी की समस्या परेशान कर सकती है. ऐसे हालात में निवेशक को NAV से कम दामों में बेचना या ज्यादा भाव पर खरीदना पड़ता है.

निवेशक क्या करेंः

जो निवेशक कंजर्वेटिव हैं और बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें ईटीएफ में पैसा लगाना चाहिए.

यदि आपको मार्केट के बारे में कुछ पता नहीं, आपने डिमेट अकाउंट भी नहीं खुलवाया है, तो आपके लिए इंडेक्स फंड सही विकल्प है.

इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट कर चलना चाहते हैं, भले ही उन्हें थोड़ा कम रिटर्न मिले.

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