विदेशी मुद्रा में निवेश करें

कोई भी निवेशक घरेलू शेयर बाजारों की तरह विदेशी शेयर बाजारों में भी निवेश कर सकता है. विदेशी बाजारों में भी निवेश 2 तरीके से किया जा सकता है. निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिए इनमें निवेश कर सकता है. कोई व्यक्ति सीधे ही विदेशी शेयर बाजारों से खरीदारी कर सकता है. म्यूचुअल फंड में कई प्रकार के फंड हैं, जो विदेश में निवेश का प्रस्ताव देते हैं. भारत में कई अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड हैं. इन म्यूचुअल फंडों की खास बात विदेशी मुद्रा में निवेश करें यह है कि इनमें भारतीय करेंसी में ही निवेश कर सकते हैं और आपको फॉरेक्स एक्सचेंज के झंझट में भी नहीं पड़ना होता है और न ही फॉरेक्स एक्सचेंज चार्जेज देने होते हैं. म्यूचुअल फंड के जरिए एक निवेशक कितना भी निवेश कर सकता है.
Forex Reserve: विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते 3 हफ्ते में 11 अरब डॉलर घटा विदेशी मुद्रा भंडार
By: ABP Live | Updated at : 24 Jun 2022 08:07 PM (IST)
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वैश्विक कारणों ( Global Factors) के चलते भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के चलते 17 जून को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में 5.87 अरब डॉलर की कमी आई है. ये लगातार तीसरा हफ्ता है जब विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आंकड़े जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. 3 सितंबर 2021 को भारत ने सबसे ज्यादा 642.45 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार देखा था.
बीते तीन हफ्ते में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. इन तीन हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार 10.785 बिलियन डॉलर घटकर 601.363 से 590.588 अरब डॉलर रह गया है. जानकारों के मुताबिक 2022-23 के अंत तक ग्लोबल कारणों के विदेशी निवेशकों द्वारा अपना निवेश वापस लेने के चलते विदेशी मुद्रा भंडार 565 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. साल 2022 में 22 जून तक विदेशी निवेशकों ने 28.5 अरब डॉलर का निवेश भारत से वापस निकाल लिया है. अक्टूबर 2021 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में 40 विदेशी मुद्रा में निवेश करें अरब डॉलर की कमी आई है.
करना चाहते हैं विदेशी शेयर बाजारों में निवेश तो जान लीजिए ये Tax Rules, बड़े काम की है ये जानकारी
भारतीयों का विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investmet) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. विदेशी बाजारों में भी अमेरिकी बाजार भारतीयों की पहली पसंद है.
Tax Rules: विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investment) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी बाजार भारती . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 22, 2022, 10:39 IST
नई दिल्ली. अपने निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में विविधता लाने का एक तरीका विदेशी बाजारों में निवेश (Investing In Foreign Markets) करना है. विदेशी बाजारों में निवेश से निवेशकों को अस्थिरता से निपटने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जरूरी नहीं कि जब घरेलू बाजार में गिरावट हो तो विदेशी बाजार भी गिर रहे होंगे. इसका एक अन्य फायदा यह है कि इसमें मुद्रा में उतार-चढ़ाव के जोखिम से राहत मिलती है. निवेशक को निवेश पर रिटर्न डॉलर में मिलता है. रुपये में गिरावट होने पर विदेशी मुद्रा में निवेश का मूल्य बढ़ जाता है. इसका आपको दोहरा फायदा होता है.
विरासत में मिले हों शेयर तो क्या?
अगर किसी को विदेशी शेयर विरासत (Inherits Foreign Shares) में मिले हों तो फिर क्या होता है? इस सवाल के जवाब में बांगड़ का कहना है कि अगर कोई भारतीय विदेशी एसेट्स में निवेश ग्लोबल फंड्स आदि के माध्यम से निवेश करता है तो इस तरह के निवेश पर विरासत कर या विदेशी मुद्रा में निवेश करें एस्टेट ड्यूटी नहीं देनी होती है. अगर कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत हैसियत से अमेरिका में शेयर खरीदता है तो उसकी मौत के बाद विरासत टैक्स (Inherits Tax) देना पड़ता है. लेकिन, ऐसे मामलों में भी अमेरिका में चुकाए टैक्स पर वह भारत में क्रेडिट ले सकता है क्यों भारत और अमेरिका इस को लेकर समझौता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
घर बैठे विदेशी शेयर बाजारों में लगाएं पैसे, महज 1 डॉलर से कर सकते हैं शुरुआत!
आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty Images)
भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)
विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर कोरोड़ों की ठगी, पुलिस गिरफ़्त में गैंग का मास्टरमाइंड
ज़्यादा पैसे कमाने के लालच में लोग जालसाज़ों के चंगुल में अक्सर फंस जाया करते हैं. इंदौर पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है जो विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. इंदौर पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय एडवाइज़री कंपनी पर कार्रवाई की और दो लोगों को हिरासत में लिया है. इस कंपनी ने कई लोगों को चूना लगाया है और अब तक करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने बताया कि पूछताछ में कई बड़े खुलासे की उम्मीद है.
जालसाज़ों के मकड़जाल का मामला इंदौर के विजय नगर क्षेत्र का है. इंदौर पुलिस ने प्रीमियम बिल्डिंग में प्लेटिनम ग्लोबल नाम की कंपनी पर छापेमारी की. ये दोनों कंपनी लोगों को लालच देकर विदेशी मुद्रा में निवेश कर पैसे कई गुना करने की बात कह कर लोगों को फंसाते थे. जिसके लिए उनके पास एक सॉफ़्टवेयर भी है. जो लोगों को ये झांसा देती थी कि जल्दी ही क्रिप्टो करेंसी के जैसे ही क्वीन कॉइन और क्वीन करेंसी लॉन्च करने वाली है.
विस्तार
वित्त मंत्रालय ने कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के लिये भारतीय व्यापारिक इकाइयों के विदेशों में निवेश करने के लिए संयुक्त नियम विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी निवेश) नियम, 2022 जारी किया है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी निवेश) नियम, 2022 में विदेशी निवेश और भारत के बाहर अचल संपत्ति के अधिग्रहण और हस्तांतरण से संबंधित मौजूदा नियमों को समायोजित किया गया है। इसे लेकर वित्त मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया है।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि तेजी से एकीकृत वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने की जरूरत है। इसलिए विदेशी निवेश के लिये मौजूदा रूपरेखा को सरल और सुगम बनाने के लिए नियामों में संशोधन किया गया है। वित्त मंत्रालय में कहा गया है कि नियमों में संशोधन वर्तमान व्यापार और आर्थिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, संशोधित नियमों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को और अधिक स्पष्ट किया गया है। इससे कारोबार सुगमता बढ़ी है।